Monday, April 7, 2014

आर्थिक नीतियों में बदलाव के साथ समाज और राजनीति को भी बदलना होगा: का. कृष्णदेव यादव



किसानों-मजदूरों की दुर्दशा के लिए जिम्मेवार नीतियों को बदलना होगा, झूठे विज्ञापनबाजी से समाधान संभव नहीं: कृष्णदेव यादव
माले का प्रधान कार्यालय खुला 
आरा: 2 अप्रैल 2014
भाकपा-माले के केंद्रीय कमेटी के सदस्य का. कृष्णदेव यादव ने आज मलथर, नीमा, कसाप और बीरमपुर में बड़ी चुनावी बैठकों और एड़ौरा में जनसभा की। इन बैठकों और सभा में उपस्थित लोेगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसान-मजदूरों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस-भाजपा और उनके सहयोगी दलों की आर्थिक नीतियां दोषी हैं। कुछ पूंजीवादी घरानों और कंपनियों के मुनाफे और लूट के लिए ये पार्टियां नीतियां बना रही हैं। इसीलिए भाकपा-माले ने इनके खिलाफ संघर्ष का नारा दिया है- खेती, खेत किसान बचाओ, कारपोरेट लूट का राज मिटाओ, क्योंकि अगर इन नीतियों को बदला नहीं गया तो किसानों-मजदूरों की जिंदगी के संकट और बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों के नौजवान कब तक रोजगार के लिए पलायन करते रहेंगे, शिक्षा, रोजगार और विकास के लिए उन्हें बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेवार नीतियों के खिलाफ लड़ना होगा। मजदूरों को इसके लिए सवाल उठाना पड़ेगा कि उनके लिए सरकार ने जो वादे किए थे, वे पूरे क्यों नहीं हुए? क्यों उन्हें सौ दिन रोजगार नहीं मिला? 
का. कृष्णदेव यादव ने कहा कि भाजपा को पूंजीपतियों की भारी मदद मिल रही है। उसी पैसे से मोदी की महंगी रैलियां हो रही हैं और अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन छप रहे हैं, टीवी चैनलों पर चैबीसों घंटों प्रचार चल रहा है। भाजपा से यह पूछा जाना चाहिए कि इसका पैसा कहां से आ रहा है? और यह भी पूछा जाना चाहिए कि उन विज्ञापनों में महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, बिजली आदि समस्याओं के समाधान करने के जो वादे किए जा रहे हैं, उनका समाधान किन नीतियों से होगा? उन्होंने कहा कि भाजपा किसान-मजदूरों, छात्र-नौजवानों सबको धोखा दे रही है। उसकी सरकार बनी तो न केवल सांप्रदायिक-सामंती उन्माद और उत्पीड़न बढ़ेगा, बल्कि यूपीए सरकार की उन नीतियों को और सख्ती से आगे बढ़ाया जाएगा, जिनसे आम जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी सड़क, बिजली आदि की समस्याएं हैं, वहां भी आदिवासियों-किसानों को जमीन से बेदखल किया जा रहा है। सिर्फ अंबानी, आडवाणी, टाटा जैसे पूंजीपतियों के लिए वह बेहतर राज्य है, इसलिए पूंजीवाद मीडिया गुजरात की विकसित छवि को लगातार प्रचारित कर रही है। 
उन्होंने कहा कि जनता की दुर्दशा के लिए जिम्मेवार आर्थिक नीतियों को बदलने के साथ-साथ समाज और राजनीति को भी बदलने की जरूरत हैै। भाकपा-माले इन नीतियों को बदलने के लिए जिस बड़ी लड़ाई छेड़े हुए है, यह चुनाव भी उसी का हिस्सा है। इसमें माले की जीत इन जनविरोधी नीतियों और विषमता पर आधारित समाज को बदलने की लड़ाई को मजबूती प्रदान करेगी। राजू यादव की जीत होगी, तो वे हमेशा जनता के बीच रहेंगे। उनके सवालों पर संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह संघर्ष करेंगे। 
इस बीच आज आरा के मील रोड में भाकपा-माले का प्रधान चुनाव कार्यालय खुल गया है। जिले भर में चुनाव कार्यालय खुलने का सिलसिला जारी है। 

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