Saturday, April 12, 2014

जिसने अपनी पत्नी का सम्मान नहीं किया, वह देश की महिलाओं का सम्मान कैसे करेगा?: ऐपवा



भाजपा-सपा दोनों खापवादी मानसिकता से ग्रस्त हैं: ऐपवा
मुलायम सिंह यादव और अबू आजमी के बयानों की भी निंदा
(आरा में यह प्रेस रिलीज दिया गया था, जिसमें से सिर्फ एक अखबार हिंदुस्तान ने दो पंक्तियां छापा, और उसमें भी मोदी का नाम हटा दिया)

आरा: 12 अप्रैल 2014
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन-ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव का. मीना तिवारी और सचिव का. कविता कृष्णन ने नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी पत्नी को 45 साल तक सम्मान और पहचान से वंचित रखने तथा बलात्कारियों के पक्ष में दिए गए मुलायम सिंह के बयान तथा स्त्री-पुरुष संबंधों पर अबू आजमी के बयान की सख्त आलोचना की है। 
ऐपवा नेताओं ने कहा है कि यूनिफार्म सिविल कोड की बात करने वाले मोदी ने खुद अपने जीवन में सिविल कोड का पालन नहीं किया है। 45 वर्षों तक जिसने अपनी पत्नी का सम्मान नहीं किया, वह देश की महिलाओं का सम्मान कैसे कर सकता है? मोदी के जरिए ऐसी पार्टी सत्ता में आना चाह रही है, जिसका महिलाओं के प्रति निर्मम अत्याचार और नृशंसता का इतिहास है। बजरंग दल और श्रीराम सेना द्वारा प्रेमी युगलों, खासकर लड़कियों पर हमले हों या गुजरात जनसंहार, मुजफ्फरनगर दंगा, बथानी टोला जनसंहार में महिलाओं के साथ बलात्कार करने, अंगों को हथियार से काटने या आग में झोंक देने की घटनाएं- ये भाजपा द्वारा महिलाओं के साथ नृशंस व्यवहार के हृदयविदारक उदाहरण हैं। मोदी पर एक स्त्री के पीछे पूरी प्रशासनिक मशीनरी और खुफिया पुलिस को लगाकर उसकी जासूसी कराने का भी गंभीर आरोप है। यह कानूनन गंभीर अपराध है। 
मुलायम सिंह यादव द्वारा बलात्कार के दोषियों की तरफदारी में दिए गए बयान तथा अबू आजमी द्वारा पति के अलावा किसी गैरपुरुष से संबंध बनाने वाली स्त्री को फांसी की सजा दिए जाने वाले बयान की भी ऐपवा नेताओं ने निंदा की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह मुजफ्फरनगर दंगा में भाजपा और सपा का मुस्लिम विरोधी रवैये उजागर हुआ, उसी तरह स्त्रियों की आजादी, सम्मान और सुरक्षा के मुद्दे पर भी दोनों की एकता दिख रही है। दोनों खापवादी मानसिकता से ग्रस्त हैं। खाप पंचायतें सहमति के आधार पर बनने वाले संबंधों में प्रेमियों की हत्याएं करती रही हैं, इन्हीं खाप पंचायतों को उकसाकर भाजपा के अमित शाह ने मुजफ्फरनगर में अल्पसंख्यकों के कत्लेआम करवाए और सपा के सांसद अबू आजमी इन्हीं खाप पंचायतों के लहजे में सहमति से बनने वाले संबंधों में लड़कियों को फांसी पर चढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। चुनाव के इस दौर में ऐसी ताकतों को राजनैतिक शिकस्त देने के लिए महिलाओं को संगठित होना चाहिए। 

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