Sunday, October 26, 2014

सहार में दंगा नहीं, सुनियोजित हमला : अजीत कुशवाहा

सहार (भोजपुर ) में दंगा या हमला?
यह कल रात से ही चर्चा का विषय बना हुआ है।
कल शाम से ये खबर आग की तरह पूरे जिले में फ़ैल गयी कि सहार में लक्ष्मी पूजा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक दंगा हो गया है। यह वही सहार है जो सामंती ताकतों के खिलाफ गरीबो की संघर्षशील मजबूत एकता का प्रतीक रहा है। जहाँ से गरीबो के संघर्ष के महायोद्धा कामरेड रामनरेश राम आजीवन विधायक रहे थे। यह वही सहार है जिसने पूरे बिहार को सामंतवाद विरोधी संघर्ष का नया मॉडल दिया, जहाँ के हिन्दू और मुसलमानों एक साथ मिलकर गरीबो की लड़ाई को एक नया आयाम दिया। आज अचानक किसी दंगे का हो जाना निश्चित तौर पर दिमाग में यह हलचल पैदा करता है और हकीकत जानने की स्वाभाविक जिज्ञासा भी होती है कि आखिर सच्चाई क्या है।
आज सुबह रामनरेश राम की चौथी पुण्यतिथि पर हमलोग सहार पहुंचे और वहां के स्थानीय लोगो से बातचीत की तो सच्चाई से रूबरू हुए।

दंगे की असली हकीकत 
भाकपा(माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य स्वदेश भट्टचार्य जी, अमर जी, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, भोजपुर जिला सचिव जवाहर जी, सुदामा प्रसाद, राजू यादव सहित माले के स्थानीय नेताओ के साथ हमलोग सहार के लोगो से बातचीत करने और कल की घटना की तहकीकात करने उनके बीच पहुंचे, तो लोगो ने काफी तफसील से पूरी घटना का विवरण पेश किया। उनकी कही हुई बातें, मुसलमानो की जली हुई दुकानें, ईंट-पत्थर से किये गए हमलों को बयां करते हुए उनके घर, इस बात को स्पष्ट कर रहे थे कि यहाँ कोई दंगा नहीं हुआ है, बल्कि सुनियोजित तरीके से लक्ष्मी पूजा को आधार बनाकर मुसलमानों पर हमला किया गया है. जब हमला किया जा रहा था, दुकानें लुटी जा रही थीं, उनमें आग लगाई जा रही थी ठीक उसी समय भाजपा के स्थानीय नेता और तरारी विधान सभा के जदयू विधायक सुनील पाण्डेय सहित भोजपुर के D.M, S.P सहार बाजार में स्थित थाने में बैठे हुए थे।
ये तमाम बातें इसको और भी ज्यादा स्पष्ट करती हैं कि सहार में कोई दंगा नहीं हुआ,  बल्कि यहाँ सुनियोजित हमला किया गया।

हमलो में जली और लुटी हुई मुस्लिम समुदाय के लोगों  की दुकानों की कुछ तस्वीरें. 




(आइसा के राज्य सचिव अजीत कुशवाहा के फेसबुक वाल से)