Monday, April 7, 2014

सामंती ताकतें माले प्रत्याशी राजू यादव के पक्ष में बढ़ रहे जनसमर्थन से बौखला गई हैं: का. कुणाल


महादलित-दलित-अल्पसंख्यक मतदाताओं के साथ मारपीट और धमकी की घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग

आरा: 1 अप्रैल 2014
भाकपा-माले के राज्य सचिव का. कुणाल ने आरा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में सामंती ताकतों और दबंगों  द्वारा महादलित-दलित-अल्पसंख्यक समुदायों और कमजोर वर्ग के मतदाताओं के साथ वोट देने के सवाल पर मारपीट करने और डराने धमकाने की घटनाओं को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए प्रशासन से ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि नामांकन से पूर्व माले के जिला कमेटी सदस्य बुधराम पासवान की हत्या और अब चुनाव प्रचार के दौर में दलित-महादलित-अल्पसंख्यक मतदाताओं के साथ मारपीट की घटनाएं एक ही राजनैतिक मंशा से पे्ररित हैं। 
का. कुणाल ने कहा कि बभनगांवा और दिउल में दलित, जहनपुर में महादलित तथा मसाढ़ में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं के साथ मारपीट की गई है। इन घटनाओं की जांच-पड़ताल से पता चला है कि भाकपा-माले प्रत्याशी के प्रति बढ़ रहे जनसमर्थन से बौखलाकर सामंती ताकतें इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रही हैं। बभनगांवा में जिन पर हमला किया गया, वे माले के समर्थक हैं। दिउल में पासवान समुदाय के लोग बिहार सरकार की जमीन पर रहते रहे हैं, लेकिन सामंती मिजाज के लोगांे ने यह कहते हुए उनके साथ मारपीट की, कि रहते हो हमारी जमीन पर और वोट दोगे माले को? इसी तरह मसाढ़ में तुरहा समुदाय के मतदाताओं ने जब यह कहा कि वे वोट किसको देंगे, अभी तय नहीं नहीं किया है, तो सामंतों ने यह कहते हुए कि पूरा गांव भाजपा को वोट दे रहा है और तुमलोगों ने अभी तय नहीं किया है, उन्हें लाठी-डंडे से पीटा। जहनपुर में भी महादलित समुदाय के माले समर्थकों को दबंगों ने धमकी दी है। 
का. कुणाल ने कहा है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयरहित चुनाव संपन्न हों, इसके लिए सामंती ताकतों और दबंगों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। भोजपुर में गरीब-दलित-अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग के मतदाताओं के वोट देने के संवैधानिक अधिकार के लिए माले ने लंबा संघर्ष चलाया है। इस चुनाव में भी वे आजादी और निर्भीकता से अपने पसंद के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर सकें, इसके लिए माले हरसंभव प्रयास करेगी। दलित-महादलित-अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग के मतदाताओें के वोट देने का अधिकार सुनिश्चित हो इसके लिए भाकपा-माले निर्वाचन आयोग से भी इस तरह के मामलों में हस्तक्षेप करने की मांग करेगी।

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